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In my previous blog on Falnama, I had mentioned how one can get answers from divine light through Falnama. In today’s blog, I am going to mention one more divine modality of prayers and healing which is known as Islami Istikhara Dua.

If there is any doubt or any kind of question or any kind of problem in the mind, or if your thought process has stopped or if you have any kind of message in success-failure in the thought process, then there is a big difference in the Muslim system. I am presenting this wonderful method, which is also called “Islamic Istikhara” or “Istikhara” in Islam.

By using this method with devotion, you can definitely get success in your work.

Method of Istikhara Dua – After reciting Isha prayer in the night, after performing Wuzuu again, read 2 Rakat Namaz Nafil Istikhara and then after reciting Durooh Sharif once, read the holy Istikhara Dua written below and sleep in some holy place.

While reciting this holy istikhara dua written below, you must keep in mind, your question or any doubt or problem (of which you want to know the answer/solution/result).

If the Almighty wishes, the result would be known in the dream on the first night itself. If you do not get the answer to your doubt or question on the first night, then, in that case, you keep reciting this holy istikhara dua for the next 3 days. Then you will get the result definitely.

Istikhara’s Dua || Istikhara Dua: ||

Allahumma inni ast-kheeruka bisilmika va-ast-kadiruka bikudartika wa-as-aruka mein fazli kal azimi | F inka takdiru wala aqdiru wa talmu wa la alamu anta allamul ghuyub |||

Allahumma in kunta talmu inna hazl -amra khairun lifi dini v- ma -ashi va-‘aqibati amri fi, ajili amri v ajilihi fakidarhu liv- yashirahu li summa tarik li fihi v in kunta talmu anna hazl amra shru-nali fi dini v. I am aashi wa aqibati amri fi azili amri wa azilihi fasri-fahu anni wa ashari phany anhu wa wakdur likhdura hesu kana summa arjini bihi bihqeeq mummadir rasulullah sallallahu taala alayhi w alihi v as habihi azmain.

Meaning of Istikhara Dua

O Allah, I ask for betterment through Your [be-intehaa] knowledge, and I ask You for strength through Your nature, and I ask Your infinite blessings.

Because you are perfectly capable, whereas I am not. You know everything, and I don’t, and you know everything unseen.

O Allah, if you know that this decision [expresses the judgment] is good for my religion, my world and the end result, then fulfil it, make it easy for me and do me good through it.

But if you know that it has a bad effect on the outcome of my religion, my world and the last, then turn this judgment away from me and take me away from it, and [instead] give me something better, whatever it may be. Give me leisure through that.

This is a very successful and proven Islamic experiment with experience. Generally, it can be used only by reciting Doorah Sharif for 1 time before going to sleep, doing Bismillah and then by reciting this holy Islamic Istikhara Dua to sleep, the desired result can also be achieved.

Let me know how you find this blog on Islami Istikhara Dua?

Regards,

Nirav Hiingu

अगर मन में कोई शंका अथवा किसी भी प्रकार सवाल हो या किसी भी प्रकार की समस्या आ गयी तो या आपके सोचे हुए काम रुख गए हो या सोचे हुए काम में आपको सफलता – असफलता में किसी भी प्रकार का सन्देश हो तो मुस्लिम तंत्र में एक बड़ा ही अद्भुत पद्धति का प्रस्तुत कर रहा हु , जिससे इस्लाम में “इस्लामी इस्तिखारा” या “इस्तिखारा” भी कहते है ।

इस विधि का श्रद्धा पूरक उपयोग करने से आपको निश्चित ही अपने कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है ।

इस्तीखारा की दुआ की तरीका – रात्रि को ईशा की नमाज  पढ़ने के पश्चात  पुन: वुजू करके २ रकात नमाज नफ़्ल इस्तीखरा पढ़े और फिर एक बार दुरूह शरीफ पढ़कर नीचे लिखा हुआ पवित्र इस्तीखरा दुआ पढ़े और किसी पवित्र जगह पर सो जाएँ । 

पर साधक यह ध्यान रखे कि  दुरूह शरीफ़  और नीचे लिखे इस पवित्र इस्तीखारा दुआ को पढ़ते  हुए , आप अपनी  जिज्ञासा या कोई प्रश्न या कोई शंका अथवा समस्या (जिसका आपको परिणाम जानना हो ) को दिमाग में अवश्य रखे। 

श्री अल्लाह ने चाहा तो प्रथम रात्रि को ही स्वप्न में ही परिणाम का ज्ञान हो जायेगा । यदि आपको पहली रात्रि में आपकी  शंका या संशय  या सवालों  का जवाब नहीं मिले, तो यही  क्रम आप अगले ३ दिनों तक इस पवित्र इस्तीखारा की दुआ को पढ़ते रहे तब आपको परिणाम अवश्य ही मिलेगा  । 

Istikhara Dua इस्तीखारा की दुआ || इस्तिखारा दुआ : ||

अल्लाहुम्मा इन्नी अस्त-खीरुका बिसिल्मिका व-अस्त-कदीरुका बिकुदरतिका व-अस-अरुका मीन फजली कल अज़ीमी  | फ इनका तक़्दीरु वला अक़्दीरु व तालमु व् ला आलमू अंता अल्लामुल घूयूब |||

अल्लाहुम्मा इन कुंता तालमू इन्ना हज़ल -अम्रा खैरुन लि  फ़ि दीनी  व- म -आशि  व-‘आक़िबती अमरि फि ,आजिली अमरि व् आजिलीही  फकिदरहु लिव- यशिरहु ली सुम्मा बारीक़ ली फिहि व् इन कुंता तालमु अन्ना हाज़ल अमरा शरू-नली फी दीनी व् म आशी व् आक़िबति अमरी फी आजिली अमरी व् आजिलिहि फसरि-फहु अन्नी व् अशरी फनी अन्हु व् वकदुर लिलखेरा हेसु काना सुम्मा अर्जीनी बिहि बिहकीक मुम्मादिर रसूलिल्लाह सलल्लाहु तआला अलेयही व् आलिहि व् अस हाबिहि अज़मईन ॰ ।      

इस्तिखारा की दुआ का मतलब IstiKhara Dua ka Matlab

हे अल्लाह, मैं आपके [बेइंतिहा] इल्म के ज़रिए बेहतरी माँगता हूँ, और मैं आपसे आपकी कुदरत के जरिए शक्ति माँगता हूं, और मैं आपका असीम फज़लो करम माँगता हूं। 

क्योंकि आप पूरी तरह काबिल हैं, जबकि मैं नहीं। आप सब कुछ जानते हैं, और मैं नहीं, और आप सब कुछ जानते हैं जो अनदेखी है।

हे अल्लाह, अगर आप जानते हैं कि यह फैसला [फैसले का इजहार करें] मेरे मजहब, मेरी दूनीया और आखीरत के नतीजे के लिए अच्छा है, तो इसे पूरा करें, इसे मेरे लिए आसान करें और मेरा इसके जरिए भला करें। 

लेकिन अगर आप जानते हैं कि मेरे मजहब, मेरी दूनीया और आखीरत के नतीजे पर इसका बुरा असर है, तो इस फैसले को मुझसे फिरा दीजिये और मुझे इससे दूर कर दीजिये, और [इसके बजाय] मुझे कूछ बेहतर दीजिये, वो चाहे जो भी हो, उसके जरिए मुझे इत्मीनान दीजिये।

यह एक बहुत ही सफ़ल और सिद्ध अनुभूति वाला इस्लामी प्रयोग है । आम तौर पर  इसका उपयोग केवल रात्रि के सोने से पूर्व १ समय  दूरह शरीफ पढ़ कर , बिस्मिल्लाह करके फिर इस पवित्र इस्लामी इस्तिखारा की दुआ को पढ़कर सो जाने से भी मनोवांछित परिणाम प्राप्त किया जा सकता है ।

मुझे ज़रूर बताएँ  कि आपको इस्लामी इस्तिखारा की दुआ पर यह ब्लॉग कैसा लगा?

सादर प्रणाम ,

नीरव हिन्गु