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9 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi

In my last blog on ‘Rudraksha’, I have discussed the procedure of wearing 8 Mukhi Rudraksha and briefed about the same. 

In this blog, I will throw some light on 9 Mukhi Rudraksha.

This 9 Mukhi Rudraksha represents 9 powers. This Rudraksha is also difficult to acquire. 

9 Mukhi Rudraksha Benefits

9 Mukhi Rudraksha is considered to be un-matched in achieving success in all kinds of sadhanas, gaining fame, increasing glory and attaining fame in your business and society. 

Success comes soon to those who wear this 9 Mukhi Rudraksha. This 9 Mukhi Rudraksha is considered very useful for students to pass difficult/competitive examinations and to defeat the enemy and to achieve success in court cases/litigations.

A person who is weak in heart and is suffering from possible heart disease is advised to wear  9 Mukhi Rudraksh to get quick relief. 


Ancient Writers and Scholars in Occult Science believe that 9 Mukhi Rudraksha is also known by the name of Bhairav ​​or Bhairav ​​Rudraksh. 

The person who wears 9 Mukhi Rudraksha never gets premature death and there is no fear of an accidental accident in his life.

9 Mukhi Rudraksha Mantra

Om Hrim Vam Yam Rum Lam

9 Mukhi Rudraksha Viniyog 

Asya Shri Bhairav Mantrashya Narad Rishi Gayatri Chhand, Bhairavo Devta Vam Bijam, Hrim Shakti: Abhistha Siddharthe Rudraksha Dhaaranarthe Jape Viniyoga

9 Mukhi Rudraksha Nyasa

Narad Rishiye Namah Shirish, 

Gayatri Chhandse Namo Mukhe, 

Bhairavo Devtaaye Namo Hyadi 

Vam Beejaay Namo Gruhe 

Hrim Shaktye Namah Paadyo 

9 Mukhi Rudraksha Kar Nyasa

Om Om Angusthabhyam Namaha

Om Hrim Tarjanibhyam Swahaa, 

Om Vam Madhyabhyam Voshad 

Om Yam Anamikyabhyam Hum

Om Rum Kanistha-Bhyam Voshad

Om Lam Kar Pusthabhyam Phat 

9 Mukhi Rudraksha Ashtang Nyasa

Om-Om Hydayaay Namaha

Om Hrim Shirshe Swahaa

Om Vam Shikhaaye Voshad

Om Yam Kawachaay Hum

Om Rum Netra-Trayaay Voshad 

Om Lam Astraya Phat

9 Mukhi Rudraksha Dhyan Mantra

Kapal Hastam Bhuj Gopavitam I 

Krishnachha Vindandadharam Trinetram II

Anitya madhyaam madhu paan matam. Hyadi Smred Bhairav Mishtadam Nrunam II

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Shiv Darshan Abhilash,

Nirav Hiingu

नौ मुखी रुद्राक्ष और उसका महत्व 

यह ९ मुखी रुद्राक्ष नौ  शक्तियों का प्रतिनिधित्व  करता है।यह रुद्राक्ष भी कठिनाई  से प्राप्त होता है। समस्त प्रकार की साधनाओं में सफलता प्राप्त करना,  प्रसिद्धि प्राप्त करना, मान-सम्मान वृद्धि हेतु  और यश की प्राप्ति करने में यह ९ मुखी रुद्राक्ष बेजोड़ माना गया है। माँ दुर्गा से संबंधित तंत्र ग्रंथों में एवं साधना में इसकी ९ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सफलता मिलती ही मिलती है।

नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे

छात्रों को  कठिन परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए और शत्रु को परास्त करने के लिए और कोर्ट कचहरी – अर्थांत मुक़दमे में सफलता प्राप्ति के लिए यह ९ मुखी रुद्राक्ष बहुत ही ज़्यादा उपयोगी माना गया है।  

जो व्यक्ति ह्रदय से दुर्बल है और ह्रदय से संबन्धित  बीमारी से ग्रस्त है तो इस अवस्था में यह ९ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से राहत मिलती है । 

शास्त्रकार और विद्वानों  इस ९ मुखी रुद्राक्ष को भैरव या भैरव रुद्राक्ष के नाम से भी जानते है । जो व्यक्ति ९ मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है, उसकी अकाल मृत्यु कभी नहीं होती और उसके जीवन में आकस्मिक दुर्घटना का भय भी नहीं होता है ।

नौ मुखी रुद्राक्ष मंत्र 9 Mukhi Rudraksha Mantra

ॐ ॐ ह्रीं वं यं रं लं  । इति मंत्र ।

नौ मुखी रुद्राक्ष विनियोग

अस्य श्रीभैरव मन्त्रशय नारद ऋषि । गायत्री छन्द, भैरवो देवता वं बीजं ह्रीं शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग:॥ 

नौ मुखी रुद्राक्ष न्यास

नारद ऋषिये नमः शिरषि ।

गायत्री छन्दसे नमो मुखे ।

भैरवो देवताये नमो हदि । 

वं बीजाय नमो गुहे ।

ह्रीं शक्तये नमः पादयो: ॥

नौ मुखी रुद्राक्ष करन्यास 

ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्याम नमः 

ॐ ह्रीं तर्जनीभ्याम स्वाहा:।

ॐ वं मध्याभ्याम वौषट।

ॐ यं अनामिकाभ्याम हुम्।

ॐ रं कनिष्ठाभ्याम वौषट।

ॐ लं करतल कर पुष्ठाभ्यां फट।

नौ मुखी रुद्राक्ष अष्टांग न्यास

ॐ ॐ हृदयाय नमः ।

ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा ।

ॐ वं शिखाये वौषट।

ॐ यं कवचाय हूँ ।

ॐ रं नेत्रत्रयाय वौषट।

ॐ लं अस्त्राय फट ।

नौ मुखी रुद्राक्ष ध्यान मंत्रम 

कपाल हस्तम भुज गोपवितं I कृष्णच्छ विंदण्डधर त्रिनेत्राम II 

अनित्य माद्यम मधु पान मतम। ह्यदि स्मरेद भैरव मिष्टदम  नृणाम II 

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शिवदर्शन अभिलाषी,

नीरव हींगु