Science Behind Pret Badha and Vastu : कभी-कभी जीवन में कुछ ऐसी घटना घटित हो जाती है जो सामान्य तौर पर तर्क और विज्ञान से बहुत दूर होती है, ऐसी रहस्मय होती है, भूत-प्रेत बाधा (bhoot pret Badha) जो आम तौर पर समझ नहीं आती है और कई बार विश्वास भी नहीं होता है।
वास्तुविद होने के कारण, मेरे जीवन में कई बार ऐसा देखा है कि ऐसे-ऐसे वास्तु अर्थात घर/ ऑफिस/ फैक्ट्री/ कारखाने देखे हैं जहाँ पर भूत-प्रेत बाधा होती है और वहां किसी भी तरह की उन्नति या सुख-शांति नहीं होती है।
ऐसी जगह पर न सुख मिलता है और न ही, ऐसी जगह पर व्यापार करने से भारी नुक्सान, मानसिक कलेश और बीमारी भी आती हैं। तो इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, आज हम वास्तु और प्रेत बाधा पर चर्चा करेंगे।
Vastu and Pret Badha: Suicide and Pret Badha : वास्तु और प्रेत बाधा: आत्महत्या और प्रेत बाधा
वास्तु में जिस जीवित व्यक्ति का अन्त, सताए जाने के कारण हुआ हो, अर्थात् जिस मृत व्यक्ति के कारण वास्तु शापित होता है। ऐसे व्यक्ति का छायाचित्र (photo), देवताओं के पूजाघर में, तिजोरी के सामने, प्रमुख प्रवेशद्वार के सामने, प्रमुख शयनकक्ष में तथा बैठक के कमरे में कभी न लगाया जाये। ऐसी मृतात्माओं के छायाचित्र घर में लगाना या घर में रखना भी सही नहीं होता है।
ऐसे छायाचित्र से क्षमा याचना करके उन्हें नदी के पानी में बहा देना चाहिए।
Remedies for Pret Badha in Vastu वास्तु में प्रेत बाधा के उपाय
वास्तुविदों की मानें तो भवन के चारों कोणों पर कील गाड़ने का विधान है जिसका अर्थ है कि प्रेतात्माएं अब इस घर में प्रवेश न करें।
कई वास्तुविद ,पारद का कील यानि liquid mercury से बनी हुई कील, को चारों कोनों पर गाढ़ने को कहते हैं जिससे नकारामक ऊर्जा अर्थात प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है । पर ऐसे पारद के कील बिल्कुल शुद्ध, संस्कारित और रक्षा मंत्र से अभिमंत्रित होने चाहिए और वास्तु पुरुष मंडल की अचे गणना ( १६ ज़ोन्स में कहा गया गाढ़ना ) दोष के अनुसार ही कीलन करना चाहिए ।
Haunted houses and Vastu sutras for Pret Badha : प्रेत बाधा वाले मकान और वास्तु सूत्र
ऐसी जगह प्लॉट लेने से बचना चाहिए जो श्मशान की भूमि पर हो, किसी प्राचीन मंदिर की खाली जगह, प्रसूतिगृह या उसके पास वाली जगह पर हो ।
बाधित वास्तु व शापित वास्तु को पहचाने के कुछ अन्य सूत्र दिये गये हैं। इन सूत्रों की सहायता से वास्तु के बारे में पहले जान लेना चाहिए।
१. जिस जगह पर नियमित रूप से सांप या नाग दिखाई देते हैं ऐसी जगह भी बाधित हो सकती है। ऐसी जगह पर शान्ति विधि करके वहाँ की बाधकता हटाई जा सकती है।
बाधक वास्तु की पहचान की निशानी यह है कि वास्तु के खासकर के नैऋत्य, दक्षिणी और पश्चिमी दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी रहती हैं।
२. वास्तु की छत, छत की बल्लियाँ, बीम सब कुछ नीचे झुका सा लगता है, और उनके गिरने का डर बना रहता है।
३. बाधक वास्तु में रात को कटोरी भरकर चीनी रख देने पर भी वहाँ पर कीड़े तथा चींटियाँ नहीं आती हैं। सुबह चीनी जैसी की वैसी दिखाई देती है।
४. बाधक वास्तु में प्रवेश करते ही सरदर्द, सीने में दर्द तथा हाथ पैरों में पसीना आना शुरू हो जाता है। साँस फूलती है और थकान महसूस होती है। वहाँ रहने का दिल नहीं करता है।
५. जिस वास्तु में जन्म लेने वाले बच्चे पागल, अंधे, अपाहिज या विकृति-युक्त होते हैं, ऐसा वास्तु भी बाधित होने की संभावना रहती है।
६. जिस वास्तु में खुदकुशी, खुद को जला लेना, फांसी लगा लेना, किसी युवा व्यक्ति की अल्प-मृत्यु होना, ऐसी घटनाएं अगर बार-बार घटती हैं, तब वहाँ का वास्तु भी बाधित होता है।
७. बाधक वास्तु में रहने वाले परिवार में हमेशा झगड़े होते रहते हैं। तरक्की शून्य पर आ जाती है। रिश्तेदारों तथा मेहमानों के आने-जाने की मात्रा कम रहती है।
८. घर में कलह बना रहता है और सभी पारिवारिक सदस्य किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं।
Remedies for cursed Vaastu and Pret Badha Ke Upay शापित वास्तु और प्रेत बाधा के उपाय
शापित वास्तु में, संत्रस्त आत्माओं से कम सताये जाने के लिए हर रोज शाम के समय घर में धूप जलाया जाये।
अमावस्या और पूर्णिमा के दिन कोई भी नया काम शुरू न किया जाये। बाहर किसी गांव भी न जाया जाये। हर एक अमावस्या व पूर्णिमा के दिन प्रमुख प्रवेश द्वार की दहलीज पर एक नारियल तोड़ा जाये और उसके टुकड़े घर के चारों कोनों में और मध्य में रखे जाएं। दूसरे दिन सुबह वे सब उठाकर कूड़ादान में फैंके जाएं। घर में कूड़ा करकट, पुरानी चीजें इक्कठी न करें। घर हमेशा साफ सुथरा रखा जाये। हर सुबह-शाम घर के आंगन में झाडू लगाकर पानी डाला जाये।
Pret Badha and Bajrang Baan Application : प्रेत बाधा और बजरंग बाण प्रयोग
अगर शक है, तो रात 9 बजे के बाद घर में कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा पढ़े और घर में बार-बार गुरूचरित्र या बजरंग बाण का पाठ किया जाए ।
बजरंग बाण का पाठ मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की सामान्य पूजन, कर लड्डू का भोग लगाए, और ब्रह्मचर्य पालन करते हुए – १/३/५ पाठ करें।
इससे न केवल प्रेत-बाधा बल्कि पितृ-बाधा, जिसकी मृत्यु एक्सीडेंट या अकाल मृत्यु हुई हो और प्रेत योनि में जाकर परेशानी उत्पन्न कर रहे हो ,इन सभी बाधाओं का निवारण होता है। वस्तु बाधा कोई भी हो , बजरंग बाण का पाठ अनिवार्य व असरदार होता है।
गुग्गल, लोबान, चंदनचूरा, शक्कर, घी को समभाग मिलाकर इसकी धूप घर में देने से घर की कलह मिटती है। सुख, शान्ति एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। इस मिश्रण की धूप सामान्य घरों में भी दी जा सकती है।
मैं आशा रखता हूँ कि इस छोटे से लेख से वास्तु में प्रेत बाधा से ग्रसित पाठकों को प्रेत बाधा से मुक्ति पाने का मार्गदर्शन और शांति मिलेगी।
आपका अपना,
वास्तुविद
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