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भूमि प्राप्ति के लिए उपाय : मैंने भारत में कई लोगो को देखा है, भूमि प्राप्ति का उपाय जो वास्तु उपायों का उपयोग करके संपत्ति हासिल करने या खरीदने के बारे में सलाह मांग रहे हैं। 

इस ब्लॉग पोस्ट में, मैं भूमि प्राप्ति के लिए उपाय या संपत्ति प्राप्त करने की आपकी खोज में आपकी मदद करने के लिए वास्तु सिद्धांतों का उपयोग करने के बारे में कुछ अंतर्दृष्टि और सुझाव साझा करूंगा।

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, यह समझना आवश्यक है कि वास्तु शास्त्र वास्तुकला का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो design, layout, size ,जमीन की तैयारी, स्थानीय और आंतरिक व्यवस्था के सिद्धांतों से संबंधित है। 

वास्तु शास्त्र का उद्देश्य एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाना है जो स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण को बढ़ावा देता है। 

यहां कुछ भूमि प्राप्ति के लिए उपाय गए हैं जिनका उपयोग आप वास्तु शास्त्र का उपयोग करके संपत्ति हासिल करने या खरीदने के लिए कर सकते हैं ।

भूमि प्राप्ति के लिए उपाय : भूमि मंत्र ( Bhoomi Prapti Ke Upay)

१) किसी शुक्ल पक्ष के मंगलवार को इच्छित भूमि में दो हाथ गड्ढा खोदकर थोड़ी सी मिट्टी प्राप्त करें। 

२) यह मिट्टी नदी अथवा तालाब के गर्भ (गहरायी) से भी ले सकते हैं। 

३) इस मिट्टी को घर पर लाकर लाल कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। 

५) अब मंगलवार की रात्रि को ही स्नान कर, पवित्र/शुद्ध वस्त्र (पुरुष के लिए – धोती और स्त्री हो तो साड़ी ) पहन कर उत्तर दिशाकी ओर मुख रखते हुए लाल आसन पर बैठें।

६) सामने श्री गणेश जी और गुरु /शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

७) पहले गणेश और गुरु की पंच-उपचार पूजा (केसर/चन्दन – चावल – फूल – धुप – दीपक – नेवैद्य ) करें।

८) अब मंगल यन्त्र स्थापित करें और उसकी पंच-उपचार पूजा (केसर/चन्दन – चावल – फूल – धूप – दीपक – नेवैद्य) करें ।

९) मंगल देव पूजा करते वक़्त – मंगल की मंत्र का निरंतर जाप करे – १ माला या ११ माला

भूमि प्राप्ति के लिए उपाय के लिए सहायक मंगल मंत्र ॐ ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगलाय नमः॥

१०) सरसों  के  तेल का दीपक जलाये।

११) लाल कपड़े में बांधकर बनी हुई पोटली को मंगल यन्त्र के सामने रखकर धूप-दीप से पूजा करें तथा हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि ‘मुझे निवास के लिए भवन बनाने हेतु भूखण्ड अथवा स्वयं का भूखण्ड प्राप्त हो ।’

१२) अब गणेश मंत्र की १ माला जाप करे : 

ॐ गं गणपतये नमः ॥

१३) अब गुरु मंत्र (गुरु के अभाव में भगवान शिव को गुरु मानकर शिव मंत्र ) का जाप करें :

श्री शिवाय नमः तुभ्यं ॥

१४) अब मंगल गायत्री मंत्र की  १ माला जाप करें : 

ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भोम: प्रचोदयात् ।।

१५)  ऐसा करने के उपरांत, भूमि प्राप्ति के लिए मंत्र की  केवल ५ माला मंत्र जाप करें। 

१६) यदि संभव हो तो भूमि प्राप्ति का मंत्र का ११ माला जाप करे ।

भूमि प्राप्ति के लिए मंत्र : ( Bhoomi Prapti Ke Liye Upay )

ॐ ह्रीं श्रीं वसुधैय स्वाहा II”

१७) भूमि प्राप्ति के लिए मंत्र की पांच माला जाप मंत्र जाप के पश्चात् भूमि देवी की निम्न प्रकार से एक बार भूमि प्राप्ति के लिए स्तोत्र करें :-

भूमि प्राप्ति के लिए उपाय : भूमि स्तोत्र ( Bhoomi Prapti ke Upay )

यज्ञ सूकरजाया त्वं जयं देहि जयावहे।

जयेखजयेजयाधारे जयशीले जयप्रदे॥

सर्वाधारे सर्व बीजं सर्वशक्तिसमन्विते।

सर्व कामप्रदे देवि सर्वेष्टं देहि में भवे ॥

सर्वशस्यालये सर्वशास्याढये सर्वशस्यदे |

सर्वशस्यहरे काले सर्वशस्यात्मिके भवे ॥

मंगले मंगलधारे मंगल्ये मंगलप्रदे

मंगलार्थे मंगलेशे मंगलं देहि मे भवे ॥

भूमे भूमिपसर्वस्वे भूमिपालपरायणे ।

भूमि पांहकाररूपे भूमिंदेहि च भूमिदे ॥

इस मंत्र जाप के उपरांत इस पोटली को पूजा स्थान पर रख दें। 

नित्य धूप-दीप करके पांच माला उक्त मंत्र एवं स्तोत्र के जाप करते रहने से बहुत जल्दी आपको अपने निवास हेतु भूमि प्राप्त हो जायेगी। 

भूमि प्राप्त होने के बाद 11 किलो ज्वार पक्षियों को खिलायें तथा गायों को चारा डालें। भवन बनाते समय नींव में इस पोटली की मिट्टी को 11 गोमती चक्र अष्टधातु के एक टुकड़े एवं एक मोती के साथ डाल दें।

यह साधना आपको ९ मंगलवार की रात्रि करनी  है । इस प्रकार ९ मंगलवार करने से आपको निश्चित ही भूमि प्राप्ति के लिए अलग अलग अवसर प्राप्त होंगे।

आशा करता हूँ, मेरे इस छोटे लेख से आपकी अपने जीवन में, स्वयं का घर बनाने की इच्छापूर्ति हो। भगवान मंगल देव और वास्तु पुरुष आपकी मंगल कामना पूर्ति में सहायक हो।

ईश्वर कृपा अभिलाषी,

नीरव हींगु